Daily General Knowledge Quiz 6

Daily General Knowledge Quiz 6 :: नमस्कार दोस्तों आप सबका फिर से शिक्षणजगत की हमारी वेबसाईट पर हार्दिक स्वागत है | दोस्तों हमारी इस वेबसाईट पर आप ज्ञान का अमूल खजाना पाएंगे | जैसे की हमने आप सब को बताया था की हम हर रोज आप सबको कुछ न कुछ नया शिखने के लिए प्रेरित करेंगे | इसीलिए आज हम हमारी ऑनलाइन टेस्ट की सिरीज़ में नया टेस्ट लेकर आये है |

Daily General Knowledge Quiz 6

आज हम आप सबके लिए सामान्य ज्ञान टेस्ट सिरीज़ का छठा टेस्ट लेकर आये है | हर रोज की तरह 10 प्रश्नों का यह टेस्ट आपके सामान्य ज्ञान में बढ़ोतरी करेंगा | यह टेस्ट आप सभी को किसी न किसी तरह से उपयोगी होगा | कम्पीटीटिव परीक्षाओ की तैयारी के लिए यह टेस्ट आपको बहुत फायदेमंद होगा |

टेस्ट कैसे दे और परिणाम कैसे पाए ?

Daily General Knowledge Quiz 6: तो अब बहुत बाते न करते हुए चलो आप सब अपना टेस्ट जल्दी से दे दीजिए – और हा हमारी यह कोशिस आप सब को पसंद आए तो हमारी यह पोस्ट को जरुर शेर कीजिएगा |

It appears that this quiz is not set up correctly

Daily General Knowledge Quiz 6

नृत्य भी मानवीय अभिव्यक्तियों का एक रसमय प्रदर्शन है। यह एक सार्वभौम कला है, जिसका जन्म मानव जीवन के साथ हुआ है। बालक जन्म लेते ही रोकर अपने हाथ पैर मार कर अपनी भावाभिव्यक्ति करता है कि वह भूखा है- इन्हीं आंगिक -क्रियाओं से नृत्य की उत्पत्ति हुई है। यह कला देवी-देवताओं- दैत्य दानवों- मनुष्यों एवं पशु-पक्षियों को अति प्रिय है। भारतीय पुराणों में यह दुष्ट नाशक एवं ईश्वर प्राप्ति का साधन मानी गई है। अमृत मंथन के पश्चात जब दुष्ट राक्षसों को अमरत्व प्राप्त होने का संकट उत्पन्न हुआ तब भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण कर अपने लास्य नृत्य के द्वारा ही तीनों लोकों को राक्षसों से मुक्ति दिलाई थी।

इसी प्रकार भगवान शंकर ने जब कुटिल बुद्धि दैत्य भस्मासुर की तपस्या से प्रसन्न होकर उसे वरदान दिया कि वह जिसके ऊपर हाथ रखेगा वह भस्म हो जाए- तब उस दुष्ट राक्षस ने स्वयं भगवान को ही भस्म करने के लिये कटिबद्ध हो उनका पीछा किया- एक बार फिर तीनों लोक संकट में पड़ गये थे तब फिर भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण कर अपने मोहक सौंदर्यपूर्ण नृत्य से उसे अपनी ओर आकृष्ट कर उसका वध किया।

भारतीय संस्कृति एवं धर्म की आरंभ से ही मुख्यत- नृत्यकला से जुड़े रहे हैं। देवेन्द्र इन्द्र का अच्छा नर्तक होना- तथा स्वर्ग में अप्सराओं के अनवरत नृत्य की धारणा से हम भारतीयों के प्राचीन काल से नृत्य से जुड़ाव की ओर ही संकेत करता है। विश्वामित्र-मेनका का भी उदाहरण ऐसा ही है। स्पष्ट ही है कि हम आरंभ से ही नृत्यकला को धर्म से जोड़ते आए हैं। पत्थर के समान कठोर व दृढ़ प्रतिज्ञ मानव हृदय को भी मोम सदृश पिघलाने की शक्ति इस कला में है। यही इसका मनोवैज्ञानिक पक्ष है।

यह भी पढ़े :: 

Exit mobile version